Coldrif Syrup Ban News: अलर्ट! पंजाब में ये Cough Syrup बैन; इसमें जहरीला केमिकल मिला, मध्य प्रदेश में 14 बच्चों की मौत

अलर्ट! पंजाब में ये Cough Syrup बैन; इसमें जहरीला केमिकल मिला, मध्य प्रदेश में 14 बच्चों की मौत, केंद्र ने जारी की एडवाइजरी

Punjab Coldrif Cough Syrup Ban After 14 Deaths In Madhya Pradesh

Punjab Coldrif Cough Syrup Ban After 14 Deaths In Madhya Pradesh

Coldrif Syrup Ban News: Coldrif कफ सिरप से मध्य प्रदेश में 14 बच्चों की मौत हो चुकी है और इसे पीने वाले अन्य बच्चों का इलाज चल रहा है। इस 'कोल्ड्रिफ' कफ सिरप से बच्चों में किडनी फेल होने की समस्या सामने आई है। वहीं इन मौतों के बाद अब इस कफ सिरप को बैन करने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। मध्य प्रदेश और राजस्थान के बाद अब पंजाब सरकार ने Coldrif कफ सिरप को पूरी तरह से बैन कर दिया है। कफ सिरप की सप्लाई, बिक्री और उपयोगिता पर तत्काल रोक लगा दी गई है।

देश के अलग-अलग हिस्सों में Coldrif Cough Syrup को लेकर स्वास्थ्य विभाग और ड्रग कंट्रोल विभाग अलर्ट और एक्शन मोड में है। और बच्चों की जान न जाने पाये। इसके लिए जांच और सख्त निगरानी की जा रही है। दवा दुकानों और बड़े-बड़े स्टॉकिस्ट को कड़ी हिदायत दी गई है कि कोई भी 'कोल्ड्रिफ' कफ सिरप की बिक्री या सप्लाई नहीं करेगा। ड्रग कंट्रोल विभाग स्थानीय प्रशासन की टीमों के साथ छापेमारी की कार्रवाई भी कर रहा है। ताकि 'कोल्ड्रिफ' कफ सिरप के कहीं भी स्टॉक को सील किया जा सके।

Coldrif में जहरीला केमिकल मिला

तमिलनाडु की दवा फैक्ट्री में निर्मित इस कफ सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) की खतरनाक मिलावट पाई गई है। इस सिरप के नमूनों की जांच में 48.6% की मात्रा में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल निकला है। जो कि मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक जहरीला और घातक पदार्थ है। ड्रग कंट्रोल लैब की जांच में इस सिरप को अमानक और असुरक्षित घोषित किया गया है। डाइएथिलीन ग्लाइकॉल के अलावा कफ सिरप में और भी खामियां पकड़ी गईं हैं। जांच में सामने आया कि गंदगी के बीच कफ सिरप बनाया जा रहा था। कफ सीरप कंपनी के पास स्किल्ड मैनपॉवर, मशीनरी, फैसिलिटी और उपकरणों की कमी भी पाई गई है।

बताया जाता है कि सिरप में आमतौर पर प्रोपलीन ग्लाईकॉल रसायन का इस्तेमाल किया जाता है। प्रोपलीन ग्लाईकॉल एक कम विषैला इंडस्ट्रियल सॉल्वैंट होता है और इसे आम तौर पर सुरक्षित माना जाता है, इसलिए इसका उपयोग भोजन, दवा और ब्यूटी प्रोडक्ट्स में होता है। हालांकि, ज्यादा मात्रा में और लंबे समय तक इसके उपयोग से विषाक्तता भी हो सकती है। वहीं कई बार सस्ते विकल्प के रूप में प्रतिबंधित रसायन डायथिलीन ग्लाइकॉल को प्रोपलीन ग्लाईकॉल की जगह इस्तेमाल किया जाता है। जिससे लोगों को नुकसान पहुंचता है।

बताया जाता है कि औद्योगिक उत्पादों जैसे ब्रेक फ्लुइड, पेंट, प्लास्टिक और कुछ घरेलू वस्तुओं में सॉल्वेंट के रूप में डाईएथलीन ग्लाईकॉल का इस्तेमाल होता है, खाद्य उत्पादों या दवाओं में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि मानव शरीर के लिए प्रोपलीन ग्लाईकॉल से ज्यादा घातक डाईएथनील ग्लाईकॉल होता है। इस अत्यधिक जहरीले पदार्थ डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) की खतरनाक मिलावट के चलते किडनी फेल होने जैसी समस्या होती और मौत हो जाती है।

केंद्र ने जारी की एडवाइजरी

Coldrif कफ सिरप से मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत के बाद राष्ट्रीय स्तर पर भी केंद्र सरकार की तरफ से स्वास्थ्य अलर्ट जारी किया गया है। हाल ही में बच्चों को कफ सिरप देने को लेकर Director General of Health Services (DGHS) ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा था कि खांसी के लिए कफ सिरप 2 वर्ष तक के बच्चे को बिल्कुल न दें। अमूमन 5 वर्ष तक के बच्चों को कफ सिरप नहीं दिया जाना चाहिए।

एडवाइजरी में आगे कहा गया कि 5 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को भी कफ सिरप मेडिकल जांच के बाद डॉक्टर की निगरानी में ही दिया जाना चाहिए। वहीं बच्चों को खांसी की दवा देने समय उपयुक्त मात्रा का सख्ती से पालन होना चाहिए। एक समय में बच्चों को कई दवाएं देने से बचना चाहिए। यदि अभी भी देश में कहीं भी Coldrif कफ सिरप का उपयोग किया जा रहा है तो लोग इसे फौरन बंद कर दें और अपने बच्चों की जान बचाएं।